Posts

Showing posts from April, 2017

शबे मेराज में इबादत करने में क्या हरज है ?

Image
⭕आज का सवाल नंबर ९८९⭕ शबे मेराज में इबादत करने में क्या हरज है ? आज का जवाब حامدا و مصلیا و مسلما शबे मेराज की इबादत *वह रात अज़ीमुशशान थी* और अगर बिल फ़र्ज़ ये तस्लीम भी कर लिया जाये के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम २७ रजब ही को मेराज तशरीफ़ ले गए थे, जिस में ये अज़ीमुशशान वाक़िअ पेश आया और जिसमे अल्लाह ताला ने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को ये मक़ाम अता फ़रमाया और अपनी बारगाह में हाज़री का शरफ़ बख्शा , और उम्मत के लिए नमाज़ों का तोहफा भेजा, बेशक वो रात बड़ी अज़ीमुश शान थी, किसी मुस्लमान को उसकी अज़मत में क्या शुबह हो सकता है ? *आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़िन्दगी में १८ मर्तबा शब् ए मेराज की तारिख आयी लेकिन* ये वाक़िआ सं ५ नबवी में पेश आया यानि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नबी बनने के पांचवे साल ये शब् ए मेराज, जिसका मतलब ये है के इस वाक़िआ के बाद १८ साल तक आप दुन्या में तशरीफ़ फरमा रहे, लेकिन इन १८ साल के दौरान ये कही साबित नहीं के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने शब् ए मेराज के बारे में कोई ख़ास हुकुम दिया हो, या उस को मनाने का एहतेमाम फ़रमाया हो, या उसके बारे में ये फ़रमाया हो