तरावीह की निय्यत और हुक्म

⭕आज का सवाल नंबर २०२२⭕

अ.
तरावीह का क्या हुक्म है? पढ़ना ज़रूरी है ?
मर्द औरत दोनों के लिए एक ही हुक्म है ?

ब.
तरावीह की निय्यत क्या करे?

क.
२० रकात की निय्यत साथ में कर सकते है?

🔵जवाब🔵

अ.
तरावीह मर्दों और औरतों सब के लिए पूरा महीना सुन्नते मुअक्कदह है.मगर औरतों के लिए जमात सुन्नते मुअक्कदह नहीं है.

📘किफ़ायतुल मुफ़्ती ३/३६१

सुन्नते मुअक्कदह को बिला उज़्र छोड़ना मना है और छोड़ने की आदत बनाने वाला फ़ासिक़ और गुनेहगार है.

ब.
तरावीह की निय्यत का वही तरीका है जो दूसरी नमाज़ों का है. उस की निय्यत इस तरीका से है के, दो रकत सुन्नत तरावीह की निय्यत करता हूँ, दिल में सोचकर या कहकर, अल्लाहु अकबर कहकर नमाज़ बांध ले.

📘मज़ाहिरे हक़ जदीद १४

क.
तरावीह के शुरू में २० रकात की निय्यत काफी है हर दो रकात पर निय्यत शर्त नहीं.

📘फतावा रहीमिययह १/३५४
📘मसाइले तरावीह रफत ७०,७१

واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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