एतिकाफ कहाँ ज़रूरी?

🔴आज का सवाल नम्बर.१०३९🔴

ऐतिकाफ का क्या हुक्म है?

क्या एतिकाफ ज़रूरी है?

🔵जवाब
★ रमजान के आखरी १० दिन का ऐतिकाफ सुन्नते मुअक्कदह अलल किफ़ाया हे,

⇨ अगर बस्ती-मोहल्ले के कुछ लोग इस सुन्नत को अदा करे तो मस्जिद का हक़ जो अहले मोहल्ला पर लाज़िम हे अदा हो जायेगा, और अगर मस्जिद खाली रही और कोई शख्स भी ऐतिकाफ में न बैठा तो सब मोहल्ले वाले गुनेहगार-लाइके इताब होंगे और मस्जिद के ऐतिकाफ से खाली रहने का वबाल पूरे मोहल्ले पर पड़ेगा,

★ जिस मस्जिद में नमाज़ पंज वक्ता बजमा’अत होती हो उसमे ऐतिकाफ के लिए बैठना चाहिए, अगर जुमा न होता हो तो भी बैठना चाहिए, ऐसे मुआटाकिफ़ को जुमा पढ़ने जाना जाइज़ है और अगर मस्जिद ऐसी हो जिसमे पंज वक्ता नमाज़ बजमा’अत न होती हो, उसमे पंज वक्ता नमाज़ बजमा’अत का इंतेज़ाम करना अहले मोहल्ला पर लाज़िम हे,

★ औरत अपने घर में एक जगह नमाज़ के लिए मुक़र्रर करके वह ऐतिकाफ करे, उसको मस्जिद में ऐतिकाफ में बैठने का सवाब मिलेगा,

📘आपके मसाइल और उन का हल,३/३२०

واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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